दोस्तों, आज की दुनिया में हर स्मार्ट चीज़ के पीछे एक “छोटा सा हीरो” होता है – चिप। ये छोटी-सी तकनीकी ताकत हमारी कार, मोबाइल, लैपटॉप, अस्पताल के उपकरण, डेटा सेंटर और यहां तक कि रॉकेट तक में जान डाल देती है। अब सोचिए, अगर भारत इस चिप डिज़ाइन की दौड़ में आगे निकल जाए तो कितना गर्व होगा! यही सपना लेकर हैदराबाद की इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी कंपनी साइयंट ने एक बड़ा कदम उठाया है।
Cyient Semiconductors – नई शुरुआत, नए सपने
अप्रैल 2025 में साइयंट ने अपने सेमीकंडक्टर बिज़नेस को अलग करके Cyient Semiconductors नाम की नई कंपनी बनाई। इसका मकसद है – दुनिया भर के ग्राहकों के लिए ASIC (एप्लिकेशन-स्पेसिफिक इंटीग्रेटेड सर्किट) और ASSP (एप्लिकेशन-स्पेसिफिक स्टैंडर्ड प्रोडक्ट) बनाना।
इसके लिए कंपनी ने प्रोसेसर टेक्नोलॉजी में मशहूर MIPS के साथ साझेदारी की है। MIPS Atlas प्रोसेसर पोर्टफोलियो के ज़रिए ऐसे चिप तैयार किए जाएंगे, जो तेज़, पावर-सेविंग और पूरी तरह से इंडस्ट्री की ज़रूरत के हिसाब से हों।
100 मिलियन डॉलर का निवेश – मजबूत नींव
साइयंट ने अगले 1-2 साल में 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर लगाने का फैसला किया है। कंपनी के पास पहले से ही 800-900 आईपी (बौद्धिक संपदा अधिकार) हैं, जो इसे चिप डिज़ाइन की दुनिया में बढ़त दिलाते हैं।
इन चिप्स का इस्तेमाल खासतौर पर इन सेक्टर्स में होगा –
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ऑटोमोबाइल – इलेक्ट्रिक और स्मार्ट वाहनों में
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डेटा सेंटर – तेज़ और सुरक्षित डेटा प्रोसेसिंग के लिए
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मेडिकल उपकरण – हाई-टेक हेल्थकेयर सॉल्यूशन्स में
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एयरोस्पेस और डिफेंस – हाई-प्रिसिशन मिशन्स में
साथ ही, कंपनी का फोकस पावर एफिशिएंसी और मशीन-टू-मशीन (M2M) कम्युनिकेशन पर रहेगा, जो आने वाले समय में स्मार्ट डिवाइसेज़ की जान होंगे।
फैब्लेस मॉडल – स्मार्ट तरीका, कम खर्चा
साइयंट खुद चिप बनाने की फैक्ट्री नहीं बनाती, बल्कि फैब्लेस मॉडल पर काम करती है। यानी डिज़ाइन खुद करती है और मैन्युफैक्चरिंग के लिए दुनिया भर की ग्लोबल फाउंड्रीज़ के साथ काम करती है।
अभी कंपनी हर साल लगभग 5 मिलियन चिप्स इसी तरीके से बनवाती है। अच्छी बात ये है कि अमेरिका-चीन के ट्रेड टेंशन या क्रिटिकल मिनरल्स की कमी का इनके प्रोडक्शन पर कोई असर नहीं पड़ा है।
वैश्विक बदलाव में भारत का मौका
आज पूरी दुनिया सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन को नया रूप देने में लगी है। अमेरिका, ताइवान और यूरोप अरबों डॉलर निवेश कर रहे हैं। ऐसे में भारत के पास भी बड़ा मौका है, और साइयंट जैसी फैब्लेस कंपनियां इस रेस में तेज़ी से आगे बढ़ सकती हैं।
आने वाले सालों का सफर
साइयंट का ये कदम सिर्फ एक बिज़नेस प्लान नहीं, बल्कि भारत को ग्लोबल चिप डिज़ाइन हब बनाने की ओर एक मजबूत कदम है। आने वाले समय में AI, रोबोटिक्स, 5G और स्मार्ट डिवाइस के लिए चिप्स की मांग बढ़ेगी, और ये निवेश भारत को इस दौड़ में मजबूती देगा।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सभी जानकारी सार्वजनिक समाचार रिपोर्ट्स और स्रोतों पर आधारित है। यह केवल जानकारी साझा करने के लिए लिखा गया है, इसे किसी निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में न लें।